पिछले एक महिने से बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे खबरों में छाए हुए हैं। पार्टी में घटते वजन से मुंडे परेशान हैं। आखिर महाराष्ट्र बीजेपी में जिन्हे सबकुछ मुंडे के नाम से जाना जाता था, उन गोपीनाथ मुंडे जैसे कद्दावर नेता को नाराजगी दिखाने के लिए 20 दिनों तक ड्रामा करना पडा...आखिर क्या वजह हैं, की मुंडे को मनाने के लिए एकनाथ खडसे जैसे छोटे-मोटे नेता को भूमिका निभानी पडी, बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस राज्य से हैं उसी राज्य में मुंडे की नाराजगी की सूध लेने वाला कोई नहीं था.. क्या गोपीनाथ मुंडे का राजनितिक महत्त्व खत्म हो गया हैं। या फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी मुंडे की ताकत को नजरअंदाज कर पार्टी के लिए गड्ढा खोद रहे हैं...। इस वक्त महाराष्ट्र में बीजेपी सवालों के कई घेरों में फँसी हुई हैं। प्रमोद महाजन की हत्या के बाद गोपीनाथ मुंडे का मुष्कील दौर शुरू हो गया। वैसे गोपीनाथ मुंडे खुद एक कद्दावर और ताकतवर नेता थे, प्रमोद महाजन के करिष्मे या कहीए नाम का उनको सहारा था। मुंडे कभी देश की राजनिति करने के मुड में नहीं थे, इसलिए प्रमोद महाजन की वजह से राष्ट्र...
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